कौन है बरिंदर सिंह सरां, जिसने बनाई टीम इंडिया में जगह!

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने जीत की गारंटी के लिए भविष्यकाल पर निशाना साधा है। इसके लिए टीम में ऐसे खिलाड़ियों को मौका दिया गया जिनका नाम आपने कम ही सुना होगा। और एक दो नहीं बल्कि करीब आधा दर्जन खिलाड़ियों को टीम में मौका दिया गया है। वो खिलाड़ी जो भविष्य के सितारे बन सकते हैं।
बरिंदर बलबीर सिंह सरां, भारतीय क्रिकेट में ये नाम अचानक सुर्खियों में आ गया। हर कोई ये जानने में लगा कि आखिर ये कौन क्रिकेटर हैं जिसे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे टीम में सेलेक्टर्स ने चुना है। और इस खिलाड़ी के बारे में लोगों की जितनी दिलचस्पी है उतनी है इसकी कहानी। बरिंदर एक समय बॉक्सर बनना चाहते थे और इसके लिए वो विजेंदर सिंह के कोच के पास भिवानी स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स भी गए थे। लेकिन उनकी किस्मत में क्रिकेटर बनना ही लिखा था।
हरियाणा के सिरसा के रहने वाले और किसान परिवार में जन्मे बरिंदर ने किंग्स इलेवन पंजाब का एक एड पढ़ा और यही से उनके क्रिकेटर बनने की कहानी शुरू हुई। हालांकि किंग्स इलेवन का ट्रायल नहीं हो सका लेकिन वो लगातार कोशिश के बाद पहले पंजाब रणजी टीम और फिर राजस्थान रॉयल्स टीम का हिस्सा बन गए। और इसके बाद भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच मोहाली टेस्ट के दौरान सेलेक्टर विक्रम राठौर ने उन्हें नेट में बुलाया और इसके बाद 23 साल के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कहानी आपके सामने हैं।
हिमाचल प्रदेश के ऑलराउंडर ऋषि धवन को भी अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिला और वनडे टीम में जगह मिली। धवन ने विजय हजारे ट्रॉफी में जहां मैच जिताने वाली शतकीय पारी खेली वहीं रणजी ट्रॉफी में 28 विकेट झटके। और इस प्रदर्शन के बावजूद वो हिमाचल की टीम को भले ही आगे नहीं ले जा सके हों लेकिन इंडिया में वो लगातार शामिल होते रहे हैं।
एक और युवा खिलाड़ी हार्दिक पांडया ने भी आईपीएल में अपने प्रदर्शन से सेलेक्शर्स का भरोसा जीता। मुंबई इंडियंस के इस बल्लेबाज ने 2015 सीजन में अपनी टीम की किस्मत ही बदल दी। टूर्नामेंट में पिछड़ रही मुंबई को हार्दिक ने नई संजीवनी दी। वडोदरा के इस बल्लेबाज को छोटे फॉर्मेट का बड़ा खिलाड़ी कहा जाता है और इसी वजह से उन्हें टी-20 सीरीज के लिए चुना गया।
एक और युवा खिलाड़ी को भी टीम इंडिया में फिर से मौका दिया गया है और वो हैं मनीष पांडेय। कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने रणजी सीजन में अपनी टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाए। आईपीएल में शतक बनाने वाले भी मनीष पांडेय पहले भारतीय थे।
वैसे तो मनीष टीम इंडिया में दो बार पहले भी चुने जा चुके हैं लेकिन उन्हें खेलने का मौका सिर्फ जिम्बाव्बे के खिलाफ मिला। बावजूद इसके वो घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक के लिए हर फॉर्मेंट में रन मशीन बनते रहे और आखिरकार टीम इंडिया में एक बार फिर जगह बना ली। दरअसल टीम इंडिया के सेलेक्टर्स का लक्ष्य खिलाड़ियों का बड़ा पूल बनाने का है और इसके लिए एक तरफ जहां पुराने खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा हैं वहीं नए खून को भी चुनने में कोई हिचकिचाहट नहीं हो रही है।